स्थानीय चुनाव समय पर होंगे या टलेंगे, आज आएगा SC का फैसला; आरक्षण 50% से ज्यादा हुआ तो टल सकते हैं चुनाव
नागपुर: महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव समय पर होंगे या टलेंगे, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला आने वाला है। OBC आरक्षण संबंधी 50% की सीमा और सीट निर्धारण प्रक्रियाओं में देरी के कारण सभी की निगाहें अब सीधे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिक गई हैं, जिसका असर राज्यभर के नगर परिषद, नगर पंचायत और नगर निगम चुनावों पर पड़ेगा।
महाराष्ट्र में OBC आरक्षण के चलते स्थानीय चुनावों की समयसीमा पर अनिश्चितता लगातार बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या कुल आरक्षण 50% से अधिक रखते हुए चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि OBC सीटों के लिए आवश्यक ‘त्रिस्तरीय डेटा’ तैयार नहीं होने के कारण अभी कई जिलों में सीट निर्धारण की प्रक्रिया अधूरी है। इसी वजह से चुनाव कार्यक्रम प्रभावित होने की आशंका गहरा गई है।
अगर सुप्रीम कोर्ट 50% सीमा के उल्लंघन पर आपत्ति जताता है, तो OBC आरक्षण सहित पूरे चुनाव कार्यक्रम पर असर पड़ेगा और चुनाव टलने की पूरी संभावना बन जाएगी। अनुमान है कि ऐसे हालात में चुनाव अप्रैल–मई तक खिसक सकते हैं। वहीं, यदि कोर्ट ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया को वैध माना, तो चुनाव समय पर ही कराना होंगे और राज्य सरकार को तत्काल सीट निर्धारण की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर सीधे तौर पर 25 नवंबर से लेकर आगामी महीनों में प्रस्तावित नगर निकाय चुनावों पर पड़ेगा। अदालत यह भी स्पष्ट करेगी कि OBC आरक्षण 50% सीमा के भीतर रहेगा या नहीं, और यदि सीमा पार होती है तो क्या चुनाव रोकने का आदेश दिया जाएगा।
राजनीतिक दलों की भी निगाहें फैसले पर टिकी हैं, क्योंकि इसका असर चुनावी तैयारियों, उम्मीदवार चयन और स्थानीय समीकरणों पर गहरा पड़ेगा। आज का फैसला आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि स्थानीय चुनाव समय पर होंगे या फिर कई महीनों के लिए स्थगित हो जाएंगे।
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